मधुमेह के रोगी कैसे रखें अपने स्वास्थ्य और वजन का ख्याल |How to take care of your health and weight for diabetic patients in hindi

मधुमेह के रोगी कैसे रखें अपने स्वास्थ्य और वजन का ख्याल (How to take care of your health and weight for diabetic patients in hindi)

मधुमेह (Diabetes) एक ऐसा रोग है जो आपके खाने का सारा स्वाद तो छिन ही लेता है साथ ही आपके स्वास्थ्य को भी बिगाड़ देता है । मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति अपनी मनपसंद चीजों को खाने से भी परहेज करता है या यूँ कहें मजबूरी में करना पड़ता है। यह बीमारी इंसान को और भी बीमारियों से ग्रसित कर देती है, इंसान इस बीमारी से छुटकारा पाने की हर संभव कोशिश करता है । अब सोचिए कोई व्यक्ति भोजन प्रेमी (Food lover) है , और वह मधुमेह से ग्रसित हो गया है तो उसके लिए कितनी तकलीफ होगी, जब उसे हर चीज को खाने से पहले यह देखना होगा की यह खाद्य पदार्थ उसके लिए सही है या नहीं , क्या यह व्यक्ति के शर्करा का लेवल रक्त में बढ़ा सकता है या कम कर सकता है। मधुमेह में व्यक्ति का वजन या तो बढ़ जाता है , या तो बहुत कम हो जाता है और यह निर्भर करता है इस पर की व्यक्ति कौन से प्रकार से पीड़ित है, और उसी के अनुसार व्यक्ति को अपने खान-पान को संतुलित रखना पड़ता है और वजन के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी
संतुलन बनाए रखने के लिए यह जरूरी है।

मधुमेह के प्रकार (Types of diabetes in hindi)-

मधुमेह मुख्यतः दो प्रकार का होता है –

1.टाईप – वन मधुमेह(Type -1 diabetes)
2.टाईप – टू मधुमेह(Type -2 diabetes)

1.टाईप – वन मधुमेह(Type -1 diabetes)-

यह मधुमेह हमारे शरीर में मौजूद बीटा- कोशिकाओं (Beta cells) के क्षतिग्रस्त (damaged)होने की वजह से होता है। बीटा- कोशिकाएं (Beta cells)हमारे अग्नाशय
(Pancreas) में मौजूद होती हैं जो की इंसुलिन (Insulin) नामक होर्मोन (Hormone) का स्त्राव करती हैं जो की हमारे रक्त में शर्करा (Sugar) का संतुलन
बनाए रखती हैं, जब यही बीटा-कोशिकाएं किसी बीमारी या चोट की वजह से क्षतिग्रस्त होती हैं तो इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाता है जिसकी वजह से शर्करा की मात्रा रक्त में बढ़ जाती है और व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित हो जाता है। कई बार टाईप – वन मधुमेह(Type -1 diabetes)ऑटोइम्म्युन डिसऑर्डर (Autoimmune disorder) है,ऑटोइम्म्युन डिसऑर्डर (Autoimmune disorder) का मतलब है की हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) ही हमारे शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त करने लगती है जिसकी वजह से इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाता है और शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित हो जाता है।

2.टाईप – टू मधुमेह (Type -2 diabetes)-

टाईप – टू मधुमेह (Type -2 diabetes) इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance) की वजह से होता है। इसका मतलब है की व्यक्ति के शरीर की स्वस्थ्य कोशिकाएं इंसुलिन का अच्छे से उपयोग नहीं कर पाती है , जिसकी वजह से बीटा-कोशिकाएं इंसुलिन का तव तक स्त्राव करती हैं जब तक की कोशिकाओं की माँग समाप्त ना हो जाए, और इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है और शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है , और यही वजह इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनती है। टाईप – टू मधुमेह (Type -2 diabetes) के सटीक (Exact) कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया
है ।

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टाईप – वन मधुमेह (Type -1 diabetes)और टाईप – टू मधुमेह(Type -2 diabetes)के अलावा एक और प्रकार होता है जिसे जेसटेसनल मधुमेह(Gestational
diabetes) के नाम से जाना जाता है। यह मुख्यतः गर्भवती (Pregnant)में देखने को मिलता है , क्योंकि उस समय शरीर में कुछ ऐसे होर्मोंस का निर्माण होता है जो की इंसुलिन के स्त्राव में अवरोध उत्पन्न करते हैं, जिसकी वजह से जेसटेसनल मधुमेह(Gestational diabetes)महिलाओं में देखा जाता है। इस प्रकार से ग्रसित लोगों में आगे चल कर टाईप 2 मधुमेह देखने को मिलता है।

मधुमेह के रोगी कैसे रखें अपने स्वास्थ्य का ख्यालऔर वजन को नियंत्रित करें (How to take care of your health and control your weight for diabetic patients)-

टाईप -वन मधुमेह में व्यक्ति का वजन कम होने लगता है और इसके विपरीत टाईप – टू में व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है , और यह सबसे बड़ी समस्या होती है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति को अपना बहुत ख्याल रखना पड़ता है , उसके खाने- पीने से लेकर उसकी दिनचर्या तक का ख्याल रखना पड़ता है। कुछ ऐसी चीजें जो मधुमेह के रोगियों को बना सकती हैं स्वस्थ्य –

1.शरीर का भार (Body mass) –

बॉडी मास इंडेक्स (Body mass index) के अनुसार हर व्यक्ति का भार या वजन निर्धारित होता है, इस निर्धारण से कम भार या ज्यादा भार इंसान के लिए कई तरह की दिक्कतें पैदा करता है, इसलिए इंसान को अपना वजन संतुलित रखना चाहिए क्योंकि कई बार ज्यादा वजन भी इंसान की बीमारी के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए हमेशा यह ध्यान रहे की जितना आप खा रहे हैं उसे पचाने के लिए उतनी मेहनत भी करें, क्योंकि जब खाना अच्छे से नहीं पचता है तो शरीर का भार तो बढ़ता ही है साथ शरीर में अवांछित (unwanted)फैट (Fat)का भी जमावड़ा होता है , जो मधुमेह के साथ कई और बीमारियों को न्योता देता है। इसलिए खाने से पहले यह जरूर सोचें की हम क्या खा रहे हैं, किस वक्त खा रहे हैं, और इसे खाने से हमारे शरीर को कितना फायदा होने वाला है।हमारे शरीर का वजन हमारे लिए बहुत ज्यादा मायने रखता है, क्योंकि बीएमआई (BMI- body mass index) के हिसाब से वजन होना जरूरी है, एक से दो किलोग्राम आगे पीछे हो दिक्कत नहीं है लेकिन जरूरत से ज्यादा वजन या जरूरत से कम वजन हमारे शरीर के लिए बीमारियों का स्तोत्र (Source)हो सकता है, अब चाहे घुटने का दर्द हो या फिर शरीर में कपड़े ना आने का दर्द हो या फिर मधुमेह। इसलिए कोशिश करें की आपका वजन बीएमआई (BMI- body mass index) के हिसाब से ही हो, इसके लिए आपको खान-पान और शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए और समय निकालना चाहिए।

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2.मधुमेह में खान-पान (Diet in diabetes)-

कई लोगों को खाना-पीना काफी पसंद होता है लेकिन मधुमेह से ग्रसित होने के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बादल जाता है , उन्हें ना चाहते हुए भी अपनी मनपसंद चीजें छोड़नी पड़ती है। लेकिन अगर खान -पान और दिनचर्या को थोड़ा सुधार लिया जाए तो मधुमेह में भी व्यक्ति कुछ हद तक अपनी मनपसंद चीजें खा सकता है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है की आप कितना खा रहे है, क्या खा रहे हैं और उसे पचाने के लिए क्या खा रहे हैं। मधुमेह में खाने का ध्यान अच्छे से रखना चाहिए, हम देखेंगे की मधुमेह के रोगी की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए।

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1.सुबह जल्दी उठना और शारीरिक गतिविधियाँ(Getting up early in the morning and physical activity) –

कई बार हम अपने दैनिक जीवन में इतने व्यस्त हो जाते हैं की अपने शरीर के लिए समय ही नहीं निकाल पाते, कई बार काम की वजह से और कई बार हमारे आलस की वजह से जो की काफी गलत है। हमारी इस गलती की वजह से भी कई बार हम बीमारी के शिकार होते हैं। सुबह जल्दी उठकर अगर आप 25 से 30 मिनट भी योगा या व्यायाम कर लें, तो आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और आप बीमारियों से बचेंगे। मधुमेह के व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रिया से निपट कर कम से कम 30 मिनट तक योगा या व्यायाम करें , यह आपके शरीर में अनावश्यक फैट (Fat) को कम करेगा, गुड कॉलेस्ट्रोल (HDL) की मात्रा को बढ़ाएगा और बैड कॉलेस्ट्रोल (LDL) को कम करेगा जिससे व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहेगा और मधुमेह में किसी भी हृदय रोग से बचेगा। इसके अलावा आप बहुत ही ऊर्जावान (Energetic) महसूस करेंगे और शरीर से पसीने के द्वारा अपशिष्ट पदार्थ (Toxic materials) बाहर होंगे, जिससे मधुमेह के व्यक्ति अन्य बीमारियों से बचेंगे।

2.खान-पान किस प्रकार का हो (What is the type of food and drink?) –

मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति के शरीर में फ्री रैडिकल्स (Free radicals) बहुत ही ज्यादा मात्रा में बनते हैं, और यह काफी खतरनाक होते हैं इसलिए खाने के साथ – साथ योग और व्यायाम भी आवश्यक है। खाने में मधुमेह के व्यक्ति को क्या – क्या लेना चाहिए –

1.साबुत अनाज (Whole grains) –

इसमें साबुत अनाज जैसे जौ, बाजरा और ब्राउन राइस, दालें, खैरी चने (Barley, millet and brown rice, pulses, chickpeas), साथ ही रोटियाँ भी जौ, बाजरे और चने के मिश्रण से बने तो और भी अच्छा है । साथ ही सत्तू का भी सेवन कर सकते हैं , यह पचने में काफी आसान होते हैं साथ ही इनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे यह शरीर में मल (Stool) को रुकने नहीं देते हैं और बीमारियों से दूर रखते हैं। इसके अलावा इसका जरूर ध्यान रखें के कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) की मात्रा ज्यादा ना लें, क्योंकि यह हमारे शरीर में जाने के बाद रासायनिक क्रियाओं (Chemical reactions)द्वारा शर्करा (Sugar) में परिवर्तित हो जाता है, जो हमारे शरीर में रक्त में इसकी मात्रा बढ़ा देता है।

2.फल (Fruits) –

मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे अच्छे फल विटामिन सी (Vitamin C) से युक्त फल होते हैं जैसे मौसम्बी, संतरा, नींबू इसके अलावा बेर, चकोतरा, चेरी, सेब और नाशपाती (Mosambi, Orange,Lemon, Plum, Grapefruit, Cherry, Apple and Pear)यह सभी फल मधुमेह के मरीज के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं। साथ ही आप पपीता (Papaya) भी आप खा सकते हैं क्योंकि इसमें एंजाइम्स (Enzymes) मौजूद होते हैं जो हमारी सेहत और हमारी कोशिकाओं के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। अब कई लोगों के मन में यह सवाल होता है की हम मीठे फल नहीं खा सकते हैं क्योंकि उसमें शर्करा मौजूद होता है, लेकिन यहाँ आप फलों से जो शर्करा ले रहें हैं वो आपके लिए हानिकारक नहीं है, क्योंकि वह प्राकृतिक स्वीटनर (Natural sweetener)है उसे किसी भी प्रकार से परिवर्तित या प्रोस्सेस्ड (Processed) नहीं किया गया है, यह बिलकुल वैसे ही है जैसे आप स्टीविया (Stevia) की पत्तियों से मिले
प्राकृतिक शुगर का उपयोग शुगर फ्री (Sugar free)करते हैं।

3.सब्जियाँ(Vegetables) –

हरी सब्जियों और पत्तेदार सब्जियों का सेवन अवश्य करें, जिसमें विटामिन सी, विटामिन ए , विटामिन के (Vitamin C, Vitamin A, Vitamin K)मौजूद हों, साथ ही मैग्निसियम, पोटैसियम, सेलेनियम, जिंक, फाइबर, प्रोटीन और आयरन (Magnesium, Potassium, Selenium, Zinc, Fiber, Protein and Iron)
मौजूद हो। आप सब्जियों और फलों में थोड़े कसैले जैसे जामुन, करेला, ब्रोकली इस प्रकार की चीजों का सेवन करें यह शर्करा की मात्रा को संतुलित रखते हैं। साथ ही मुली, चुकंदर, फूलगोभी, गाजर, पत्ता गोभी, टमाटर, मटर , लौकी, तरोई (Radish, Beet, Cauliflower, Carrot,Cabbage, Tomato, Peas, Gourd,Ridged Gourd) का अवश्यसेवन करें , यह आपके लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है । और साथ ही बादाम और अखरोट जैसे ड्राइफ्रूट्स का भी सेवन करें ताकि आपको भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिले।

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4.क्या नहीं खाएँ (what not to eat)-

देखिये अब जीभ का क्या है , कभी भी खाने की चीज को देखकर लपलपा जाती है, लेकिन जैसा की मैंने पहले की कहा की आप क्या खा रहे इस पर जरूर ध्यान दें और खाने के बाद उसे पचाने के ऊपर जरूर ध्यान दें, अब जैसे हम मैदे या इससे बनी चीजों की बात करें, तो यह किसी के लिए फायदेमंद नहीं है, मतलब ना ही मधुमेह से ग्रसित ना ही स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए। मैदे में कोई भी ऐसे तत्व मौजूद नहीं होते हैं , जो हमारे लिए अच्छे हों, इसलिए मैदे से बनी चीजों का सेवन ना के बराबर ही करें , साथ ही फास्टफूड या जंक फूड से दूरी बना लीजिये। ज्यादा मसाला, तला- भुना, नमक वाला खाना कम करें, सब्जी में तेल ज्यादा उपयोग ना करें, और प्रोस्सेसेड शुगर (Processed sugar) का उपयोग ना करें। कई बार इसकी वजह से हमें बहुत सारी समस्याएँ झेलनी पड़ती है, जैसे पेट साफ नहीं होना , खट्टी डकार आना, जो की हमारे लिए बहुत ही नुकसान देह होता है, सारी गंदगी हमारे शरीर में तो जमती ही है साथ ही हमारी आँतों को भी खराब करती और साथ ही यह हमारे शरीर में फैट (Fat) बढ़ने का सबसे बड़ा कारण भी होती है। इसलिए अधिकतर समय ऐसा खाना खाएँ जिसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो और पाचन भी सही हो ताकि कोई अन्य बीमारियाँ हमें ना घेरे। इसके अलावा दूध का सेवन ना करें चाहे टाईप 1 से या टाईप 2 से ग्रसित व्यक्ति हो। कॉफी, शहद, बाहर का पैकेट बंद खाने की चीजें, ब्रेड, आलू, मिक्स जूस, कॉर्न यह सब भी खाने से परहेज करें। आपको जो भी चीज खाने का मन करे कोशिश करें की घर पर ही बना सकें तो बना कर खाएँ। ऐसे खाद्य पदार्थों से बिलकुल दूर रहें जिसमें कार्ब्स (Carbs) मतलब की कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा रहे, क्योंकि इस प्रकार के खाद्य पदार्थ ही शरीर में शर्करा की मात्रा को बढ़ा देते हैं साथ ही वजन को बढ़ाने का काम करते हैं।

क्या मधुमेह के मरीज को हमेशा डर के परहेज में रहना चाहिए (Should a diabetic patient always live in fear)-

कई बार मधुमेह से ग्रसित लोग अपने मन में धारणा बना लेते हैं की अब हमें परहेज करना पड़ेगा, मीठा छोड़ना पड़ेगा, कड़वी चीजें खानी पड़ेगी, नमक और शक्कर कम करना पड़ेगा और यही सोच कर यह लोग काफी निराश होने लगते हैं , जिसकी वजह से जीने की चाह भी कम होने लगती , लेकिन आपको यह सोचना चाहिए की ऐसी कौन सी चीज है जो अधिकता में लेने से फायदेमंद होती है, इसका जवाब होगा की ऐसी कोई भी चीज नहीं है जो अधिकता में खाने से फायदेमंद हो , तो व्यक्ति यह क्यों सोचता है परहेज का मतलब किसी चीज को खाना बंद कर देना होता है, नहीं बिल्कुल भी नहीं, परहेज का मतलब सिर्फ इतना होता है की किसी भी खाद्य पदार्थ को सीमित मात्रा में खाना, मतलब की आपके शरीर को जितनी शक्कर की जरूरत है उतना ही खाएँ, जितने नमक की जरूरत है बस उतना ही लें, अब यह दोनों ही अधिकता में स्वस्थ्य आदमी के लिए भी हानिकारक है और मधुमेह रोगी के लिए भी तो फिर यह परहेज तो सभी को करना चाहिए ना की किसी चीज को खाना बंद करना परहेज कहलाता है, इसलिए खुश रहें परहेज में रहें जो खाने का मन होता है बिल्कुल खाएँ लेकिन परहेज और जरूरत के हिसाब से फिर उसे पचाने के लिए भी उतनी ही मेहनत करें। ऐसा करने पर आप कभी महसूस करेंगे ही नहीं के आप बीमार हैं।

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