सर्दियों के मौसम में होने वाली परेशानियाँ एवं उनसे बचाव | Problems occurring in winter season and their prevention

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दोस्तों वैसे तो सर्दियों का मौसम कुछ लोगों को छोड़कर हर किसी का पसंदीदा मौसम होता है और मेरा भी सबसे फेवरेट मौसम यही है, जिसमें आराम से कंबल में पड़े रहो, धूप में बैठ कर सर्दियों का आनंद लो , घूमने कहीं भी सैर – सपाटे पर निकाल जाओ , गरम-गरम खाने का आनंद लो, गाजर के हलवे , सरसों का साग और मक्के की रोटी के तो क्या ही कहने फिर। सर्दियों के मौसम में हमारे खाने में वेराइटी (Variety) बढ़ जाती है ।  कई लोगों के चेहरे भी इस मौसम में खिल जाते हैं। सर्दी का मौसम एक ऐसा मौसम है जिसमें हमें सबसे ज्यादा आनंद आता है, लेकिन कई बार यह सर्दी का मौसम ही कुछ लोगों के लिए परेशानी खड़ा कर देता है, अब आप  सोचेंगे की यह सर्दी का मौसम ऐसा क्या करता है जिससे परेशानी खड़ी हो जाती है, तो बस इन्हीं परेशानियों के बारे में मैं आज आपसे चर्चा करूंगी।

सर्दियों में होने वाली कुछ परेशानियाँ (Some problems in winter)-

1.चेहरे पर झाइयों का बढ़ना (Growth of freckles on face) –

कुछ महिलाओं और साथ ही पुरुषों को सर्दियों का मौसम बिल्कुल पसंद नहीं होता और वह सिर्फ इसलिलिए क्योंकि इस मौसम में इनके चेहरे पर झाइयाँ बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं, और इसका कारण होता है त्वचा का शुष्क होना,  शरीर में रक्त का प्रवाह सही तरीके से ना होना क्योंकि सर्दियों में हमारा रक्त थोड़ा गाढ़ा हो जाता है और साथ ही हमारी माँसपेशियाँ भी संकुचित हो जाती हैं, जिसकी वजह से त्वचा की और भी समस्याएँ पैदा हो जाती है।

2.हाइपोथाइरोइड से पीड़ित व्यक्तियों की समस्या (Problem of a person suffering from hypothyroidism)-

हाइपोथाइरोइड से ग्रसित व्यक्ति को भले ही यह मौसम काफी पसंद हो लेकिन यह उसके लिए कई बार समस्या का कारण भी रहता है, हाइपोथाइरोइड की वजह से ठंड बहुत ज्यादा लगती है , अगर ठंडे पानी में थोड़ा काम  कर दें तो हाथ सुन्न पड़ जाता है , चेहरे की , शरीर की त्वचा एकदम शुष्क पड़ जाती है जिसकी वजह से चेहरे पर फुंसियाँ भी निकाल आती हैं, साथ ही बालों में रूसी की समस्या भी पढ़ जाती है जो बाल झड़ने का भी एक मुख्य कारण है हाइपोथाइरोइड से पीड़ित व्यक्तियों में। यह सब सामान्य व्यक्तियों में भी देखे जा सकते हैं लेकिन हाइपोथाइरोइड से पीड़ित व्यक्तियों में बहुत ज्यादा देखने को मिलता है।

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3.बालों में रूसी होना और बालों का झड़ना (Dandruff and hair fall) –

बहुत से लोगों को आपने कहते सुना होगा के ठंड में बाल ज्यादा झड़ते हैं या ठंड में हमारे बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे और रूसी भी बहुत ज्यादा हो जाती है, इसका मुख्य कारण हमारी खोपड़ी (Scalp) की त्वचा का शुष्क होना है और इस मौसम में हमारी तैलीय ग्रंथियाँ भी संकुचित हो जाती हैं जिसकी वजह से नियमित रूप से प्राकृतिक तेलों का रिसाव काफी कम हो जाता है और यही रूसी का भी कारण बनते हैं।

4.वजन बढ़ना (weight gain)-

सर्दियों के मौसम में हम गरम-गरम खाने को कई बार जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं और सर्दियों के मौसम में एक तो हमारा पाचन तंत्र (Digestive System) भी धीमा हो जाता है, साथ ही हम ठंड की वजह से कंबल से बाहर निकल कर शारीरिक मेहनत भी नहीं करते हैं। सर्दियों का मौसम ऐसा मौसम है जिसमें हमें बाकी मौसमों के मुकाबले ज्यादा शारीरिक गतिविधि करने की आवश्यकता होती है ताकि शरीर का वजन संतुलित रहे।

5.अर्टिकेरिया (Articaria) –

यह त्वचा से संबन्धित एक एलर्जी (Allergy) जिसमें शरीर में लाल दाने, चकक्ते उभर आते हैं कई बार यह त्वचा को खुजाने के बाद निकलते हैं लेकिन बार उभर जाने के बाद इसमें खुजली होने लगती है। कई बार यह  फुंसियाँ बाद में काली भी पद जाती हैं और यह अक्सर ठंड के मौसम में ज्यादा होते हैं। कई बार इसका कारण किसी प्रकार का भोजन या कोई दवाई भी हो सकती है जो ठंड की वजह से बढ़ जाने की वजह से एलर्जी को बढ़ावा दे देती है।

6.शरीर और अंगों में दर्द (Pain in body and parts) –

ठंड के मौसम में बहुत से लोगों को हाथ पैर या जोड़ों और कमर दर्द की शिकायत भी होती है। इस मौसम में कई बार जहां पर किसी को टाँके लगे होते हैं वह हिस्सा भी दर्द करता है, साथ ही अगर माँसपेशियों में भी दर्द रहा हो तो वह भी बाद जाता है, जो नींद से लेकर हमारी हर दिनचर्या पर अपना असर दिखाती है।

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7.चेहरे की रंगत कम होना (Facial discoloration)-

जैसे की मैंने पहले ही बोला की इस मौसम में किसी के चेहरे की रंगत खिल उठती है तो किसी के चेहरे की रंगत उड़ जाती है और इसका कारण मैंने पहले ही आप लोगों को बताया की हमारी नसों, कोशिकाओं और माँसपेशियों के संकुचित होने और फैलने की वजह से हमारी त्वचा के रंग पर भी फर्क पड़ता है, इसलिए ठंड के मौसम का आनंद लेने के लिए हमें कुछ सावधानियाँ भी रखनी पड़ती हैं।

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8. बार-बार पेशाब का आना (Frequent urination)-

कई बार ठंड में लोगों को अक्सर यह समस्या होती है की उन्हें ठंड में बार बार वाशरूम (Washroom) के चक्कर लगाने पड़ते हैं। और इसकी वजह से ऐसे लोग पानी का सेवन ही कम कर देते हैं, उन्हें कागता है की कम  पानी पीएंगे तो बार बार बाथरूम जाने की समस्या से निजात मिलेगा, लेकिन यह पूरी तरह गलत है, आप एक प्रकार से शरीर की गंदगी को शरीर में ही रख रहे और साथ ही त्वचा रोगों के अलावा अन्य रोगों को बढ़ावा भी दे रहे हैं।

9.सर्दी- खाँसी (Cold and cough)-

यह ठंडे मौसम का सबसे आम फ्लू है जो कई बार मौसम के बदलाव से हमें चपेट में ले लेता है, कोरोना के बाद से अब 2-3 दिन में खत्म होने वाला फ्लू भी अब 10-15 दिन चल जा रहा है, शरीर में कफ बन जा रहा जो बहुत  ज्यादा हो जा रहा और दवाइयों से भी जल्दी आराम नहीं मिल पा रहा है यह मैंने जो अनुभव किया है देखा है वह आपको बता रही हु इसलिए अब सर्दी-खाँसी से भी बचना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो गया है।

तो दोस्तों यह तो कुछ ऐसी समस्याएँ हैं जो हम सभी सर्दियों के मौसम में झेलते हैं, लेकिन इससे बचा भी जा सकता है, इसके बचाव के तरीके क्या हो सकते हैं उस पर चर्चा करते हैं :-

1.व्यायाम और शारीरक गतिविधियाँ (Exercise and physical activities)-

दोस्तों व्यायाम और शारीरक गतिवधियाँ हर मौसम में नियमित रूप से आपको करनी चाहिए लेकिन सर्द मौसम में तो इसे आप अपने जीवन का हिस्सा ही बना लें। इतना व्यायाम करें ताकि आपके शरीर से पसीना आए इससे क्या होगा की आपकी जो नसें हैं उनमें खिंचाव उत्पन्न होगा इससे आपको शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द से राहत मिलेगी यह मेरा खुद का भी अनुभव है, दूसरा आपके रक्त के बहाव में कभी कोई अवरोध उत्पन्न नहीं होगा जिससे किसी प्रकार की बीमारी का भी खतरा कम होगा साथ ही त्वचा संबंधी रोगों से हम बचेंगे। जिन लोगों को झाइयाँ निकाल आती हैं ठंड में उनके लिए तो बहुत ही महत्वपूर्ण के उन्हें व्यायाम तो करना ही चाहिए ताकि त्वचा में नमी भी बनी रहे और शरीर से सारे विषैले पदार्थ बाहर हो जाएँ।

2.पानी का सेवन (Water intake)-

एक एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है सर्दी में, क्योंकि सर्दियों में हमें पसीना या तो बिल्कुल भी नहीं या नाम मात्र ही आता है जो हमारी त्वचा को काफी शुष्क बना देता और उसी में हम पानी का सेवन भी बहुत कम कर देते हैं जिससे त्वचा को ना ऑक्सीजन मिल पाता है और ना ही त्वचा हाइड्रेट रहती है और फिर इसी की वजह से पाचन तंत्र की समस्या भी उतन्न होती है और यह हमारी त्वचा से संबन्धित रोगों को भी बढ़ाने का काम करती है। इसलिए पानी का भरपूर सेवन हर मौसम में जरूरी है लेकिन ठंड में पानी की मात्रा को कम ना होने दें यह बहुत आवश्यक है।

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3.तैलिय मसाज (Oily massage) –

पुराने समय में लोग नारियल या सरसों का तेल से पूरे शरीर में नहाने से पहले भी मसाज करते थे और नहाने के बाद भी मजबूत हाथों से सरसों तेल लेकर पूरे शरीर में रगड़ते थे जिससे त्वचा शुष्क नहीं पड़ती थी,लेकिन अब हमारे पास बॉडी लोसन (Body Lotion) इसका विकल्प है जो की शरीर की नमी बरकरार नहीं रख पाता है। अब हमें सरसों की तेल से बदबू आती है क्योंकि हम 21वी सदी में हैं जहाँ हम इसे लगा कर कहीं जा नहीं सकते क्योंकि हो सकता है यह हमारे स्टेटस सिम्बल (Status Symbol) के खिलाफ चला जाए, पर दोस्तों आप सरसों का तेल नहाने से पहले पूरे शरीर में लगा कर अच्छे से मसाज करके भी नहा सकते हैं, इससे त्वचा भी खुश्क बनी रहेगी और हड्डियाँ भी मजबूत होंगी और और जोड़ों का दर्द भी गायब होगा।

4.सूरज की रोशनी (The sunlight) –

सर्दियों के मौसम में थोड़ी देर धूप अवश्य लें वो भी बिना स्वेटर के ताकि हमें विटामिन डी (Vitamin D) की कमी शरीर में ना हों और हड्डियों का दर्द भी कम हो, क्योंकि विटामिन डी का निर्माण हमारे शरीर में नहीं होता  है, इसे हमें सूरज की रोशनी से और अन्य फलों से प्राप्त करना होता है और यह हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है जिसकी वजह से इसका सेवन बहुत ही आवश्यक है।

5.गर्म कपड़े (Warm clothes)-

कई लोगों को अक्सर ठंड के मौसम में दर्द की शिकायत बाद जाती है, और उसका कारण माँसपेशियों का संकुचित होना होता है इसलिए जितना हो सके हमें अपने शरीर को गर्म कपड़े से ढक कर रखना चाहिए। कई लोगों ठंड में कान में हवा जाने से ही सर्द दर्द शुरू हो जाता है ऐसे लोगों को कान ढक के ही बाहर जाना चाहिए। हाइपोथाइरोइड से पीड़ित लोगों को मोजे और जूते पहन कर रखने चाहिए , स्वेटर पहन कर रखना चाहिए ताकि शरीर गर्म  रहे , त्वचा संबंधी रोगों से भी बचे रहें, और साथ ही अगर आपका पैर गर्म रहता है तो शरीर पर भी ठंड का प्रभाव कम पड़ेगा। और साथ है ऐसे लोगों को भी राहत मिलेगी जिन्हें बार-बार वाशरूम जाना पड़ता है, शरीर को जितना गर्म रखेंगे उतना ही परेशानियों से बचेंगे।

6.हल्दी और गुड़ वाले दूध का सेवन (Consumption of milk with turmeric and jaggery)-

सर्दियों में हल्दी और गुड़ वाले दूध का पाचन अगर संभव हो तो रात में अवश्य करें, इससे आप त्वचा की बीमारियों से भी बचेंगे, शरीर के दर्द में भी आराम मिलेगा साथ अन्य प्रकार के रोगों से भी आप हमेशा दूर रहेंगे। साथ ही आपका पाचन भी अच्छा होगा और अगर आप हल्दी ना ले पाएँ तो तो गुड़ का सेवन अवश्य करें। इससे आप सर्दी खाँसी से भी बचेंगे।

7.काढ़े और अदरक का सेवन (Consumption of decoction and ginger)-

अगर थोड़ी भी गले में खराश हो तो तुरंत काढ़ा बना कर पी लें या फिर थोड़ा सा अदरक लेकर थोड़ा शहद मिलाकर अदरक को धीरे-धीरे खाएँ जब तक की वह आपके गले में लगाना न शुरू हो तब तक खाएँ, यकीन मानिए आपको खाँसी में भी तुरंत राहत मिलेगी साथ ही आप सर्दी से भी बच जाएंगे और कफ भी शरीर से बाहर होगा।

8.खान-पान पर ध्यान (Focus on eating habits) –

दोस्तों इस मौसम में फ्रिज की चीजें और ठंडी तासीर वाली चीजों से बचें यह आपको नुकसान दोस्तों यह कुछ ऐसे उपाय हैं जिनसे आप ठंड के मौसम में बिना बीमार पड़े ही इस मौसम का पूरा आनंद ले सकते हैं बस जरूरत है थोड़ा ध्यान रखने की जिससे आप स्वस्थ भी रहें और खुश भी।

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